सांसों में मेरी तो तुम ही बसे हो राम
सांसों में मेरी तो, तुम ही बसे हो राम,
ये जीवन मेरा तो, मैंने किया तेरे नाम,
मेरे राम, मेरे राम,
पहले पहल था, मैं अनजान तुमसे,
फिर हुई थोड़ी, पहचान तुमसे,
अब तो इन होठों पे, रहता तेरा ही नाम,
सांसों में मेरी तो, तुम ही बसे हो राम,
ये जीवन मेरा तो, मैंने किया तेरे नाम,
मेरे राम, मेरे राम,
ये तो पता हैं, तुम सुनते हो सबकी,
क्या मैं कहूं बातें, अपने मन की,
मेरे इस मन में बसा, तेरा ही नाम,
सांसों में मेरी तो, तुम ही बसे हो राम,
ये जीवन मेरा तो, मैंने किया तेरे नाम,
मेरे राम, मेरे राम,
जीवन में सुख दुख, सबके हैं आते,
कभी ये हंसाते, कभी ये रुलाते,
मेरे जीवन का सुख तो, बस तेरा ही नाम,
सांसों में मेरी तो, तुम ही बसे हो राम,
ये जीवन मेरा तो, मैंने किया तेरे नाम,
मेरे राम, मेरे राम,
Lyrics - Jay Prakash Verma, Indore
श्रेणी : राम भजन
सांसों में मेरी तो तुम ही बसे हो राम ।। श्री राम भजन ।। #ram #rambhajan #newrambhajan #ramjikebhajan
सांसों में मेरी तो, तुम ही बसे हो राम" — यह भजन एक सच्चे भक्त की हृदयगाथा है, जिसमें जय प्रकाश वर्मा (इंदौर) ने प्रभु श्रीराम के प्रति अटूट प्रेम, समर्पण और श्रद्धा को शब्दों में पिरोया है। यह भजन केवल एक गीत नहीं, बल्कि आत्मा की वह पुकार है जो अपने आराध्य को सांसों-सांसों में बसाए हुए है।
शुरुआत में ही यह स्पष्ट हो जाता है कि भक्त ने अपना सम्पूर्ण जीवन श्रीराम को अर्पण कर दिया है। "पहले पहल था, मैं अनजान तुमसे" जैसी पंक्तियाँ उस भावनात्मक यात्रा को दर्शाती हैं जिसमें पहले अज्ञानता थी, फिर धीरे-धीरे प्रभु की पहचान बनी और अब हर सांस, हर बोल में राम का नाम है।
भजन की मधुर पंक्तियाँ यह भी दर्शाती हैं कि प्रभु श्रीराम केवल नाम नहीं, बल्कि सच्चे अर्थों में जीवन का सार हैं। सुख-दुख, हँसी-आँसू—हर परिस्थिति में राम नाम ही जीवन का संबल बनता है। यह भजन बताता है कि जब सारी दुनिया बदल जाए, तब भी एक राम हैं जो सदा अपने भक्त के साथ रहते हैं।
सादगीपूर्ण शब्दों में रचा गया यह भजन भक्त और भगवान के बीच की उस आत्मीयता को उजागर करता है जो कहती है — "तुम ही हो, और तुम्हीं से मेरा सब कुछ है।" इसे सुनते हुए मन प्रभु श्रीराम की भक्ति में खो जाता है और ह्रदय आनंदित हो उठता है।
हर्षित जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद।।
ReplyDeleteजय श्री राम।।