सुना दू ऐसा तराना ये मेरे साथ हो जाए, suna du aisa tarana ye mere sath ho jaye

सुना दू ऐसा तराना ये मेरे साथ हो जाए



तर्ज - आज तेरे भक्तों पे दया सरकार हो जाए

घर के मालिक से जरा सी बात हो जाए,
सुना दू ऐसा तराना ये मेरे साथ हो जाए,

काम करता है बाबा नाम करता है बाबा,
मेरी खाली झोली को तू ही भरता है बाबा,
इसके रहते टेंशन सब बेकार हो जाए,

सुना दू ऐसा तराना ये मेरे साथ हो जाए,

चाकरी तेरी बाबा काम ये आ रही है,
मेरे जीवन में खुशियां ये हरदम ला रही है,
बाबा को भी प्यार का एहसास हो जाए,

सुना दू ऐसा तराना ये मेरे साथ हो जाए,

तूने दिया है बाबा तेरा ही खा रहा हूं,
तूने लिखवाया बाबा तभी तो गा रहा हूं,
लकी पर तेरी नजर ये आज हो जाए,

सुना दू ऐसा तराना ये मेरे साथ हो जाए,

Lyrics - lucky Shukla



श्रेणी : खाटू श्याम भजन

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"सुना दू ऐसा तराना ये मेरे साथ हो जाए" — यह भजन एक सच्चे भक्त के हृदय से निकली वह मधुर पुकार है, जिसमें खाटू के श्याम बाबा से आत्मीय संवाद, प्रेम, आभार और कृपा की कामना भावपूर्ण ढंग से व्यक्त की गई है। यह भजन तर्ज – “आज तेरे भक्तों पे दया सरकार हो जाए” पर आधारित है, और इसे लिखा है लक्की शुक्ला जी ने, जिन्होंने सरल शब्दों में भक्ति की गहराई को उजागर किया है।

भजन की पहली पंक्ति ही दर्शाती है कि भक्त अपने “घर के मालिक” यानी श्याम बाबा से थोड़ी-सी आत्मिक बातचीत की अभिलाषा रखता है। वह चाहता है कि उसकी भक्ति का तराना इतना सच्चा, भावपूर्ण और असरदार हो कि स्वयं बाबा भी सुनने को विवश हो जाएं और साथ चलने लगें।

भजन के अगले अंतरे में यह भाव आता है कि बाबा का नाम ही सबसे बड़ा काम है। भक्त कहता है कि मेरी खाली झोली भरने वाला अगर कोई है, तो सिर्फ बाबा ही हैं। बाबा की कृपा में इतना बल है कि जीवन की सारी चिंताएं और परेशानियां क्षणभर में मिट जाती हैं। यह विश्वास और आस्था की पराकाष्ठा है।

तीसरे अंतरे में भजनकार श्याम बाबा की सेवा को अपने जीवन की सबसे बड़ी पूंजी मानते हैं। वे मानते हैं कि चाकरी तेरी बाबा, काम ये आ रही है, और यही सेवा उनके जीवन में निरंतर खुशियाँ ला रही है। इसमें न केवल सेवा भाव दिखता है, बल्कि एक प्रेमी भक्त की भावनात्मक गहराई भी झलकती है — जो चाहता है कि बाबा को भी उसकी भक्ति में प्यार का एहसास हो।

अंतिम अंतरे में भक्त अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हुए कहता है — तूने जो दिया है बाबा, मैं वही खा रहा हूँ और जो गा रहा हूँ वो भी तेरे ही कहने पर। यानी इस भजन का सृजन, गायन और उसका प्रभाव — सब कुछ बाबा की कृपा से ही संभव है। वह विनम्रता से यही प्रार्थना करता है कि बाबा की कृपा-दृष्टि “लकी” पर बनी रहे।

Harshit Jain

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