तेरे बिना कोई नहीं हारे का सहारा हैं
एक श्याम तू मेरा हैं, मुझे तेरा सहारा हैं,
तेरे बिना कोई नहीं, हारे का सहारा है !
तेरे दर पे आना हैं, मुझे शीश झुकाना हैं,
पाना और कुछ भी नहीं, श्याम तुझको पाना हैं,
मेंरे इस जीवन को, बस तेरा सहारा हैं,
तेरे बिना कोई नहीं, हारे का सहारा है !
मझधार में नैया हैं, बड़ी दूर किनारा हैं,
डूबती मेरी नैया का, श्याम तू ही सहारा हैं,
भटके हुए जीवन को, बस तेरा सहारा हैं,
तेरे बिना कोई नहीं, हारे का सहारा है !
दुःख दर्द तो आना हैं, आकर चले जाना हैं,
साथी है ये जीवन के, हमें सब सह जाना हैं,
मुश्किल भरे जीवन को, बस तेरा सहारा हैं,
तेरे बिना कोई नहीं, हारे का सहारा है !
अब सोंप दिया मेंने, अपने इस जीवन को,
एक तेरे सिवा कोई, भाता नहीं इस मन को,
भक्ति भरे जीवन को, बस तेरा सहारा हैं,
तेरे बिना कोई नहीं, हारे का सहारा है !
एक श्याम तू मेरा हैं, मुझे तेरा सहारा हैं,
तेरे बिना कोई नहीं, हारे का सहारा है !
Lyrics - Jay Prakash Verma, Indore
श्रेणी : खाटू श्याम भजन
तेरे बिना कोई नहीं हारे का सहारा हैं , बाबा श्याम का प्यारा भजन #shyam #khatushyam #shyambhajan2022
"तेरे बिना कोई नहीं, हारे का सहारा है" एक अत्यंत भावपूर्ण और आत्मा को छू लेने वाला खाटू श्याम भजन है, जिसे इंदौर के जय प्रकाश वर्मा जी ने अपनी सच्ची भक्ति और भावनाओं से रचा है। यह भजन हर उस भक्त के मन को गहराई से स्पर्श करता है जो जीवन की कठिनाइयों और निराशा के समय सिर्फ बाबा श्याम को अपना एकमात्र सहारा मानता है। भजन की प्रत्येक पंक्ति श्याम के प्रति अटूट श्रद्धा और समर्पण को दर्शाती है — जहाँ जीवन की मझधार में डूबती नैया को पार लगाने वाला कोई नहीं, बस एक श्याम ही हैं।
इस भजन में शरणागति की भावना इतनी सुंदरता से अभिव्यक्त की गई है कि यह सुनने वाले को अपने अंतर्मन से जोड़ देती है। इसमें बताया गया है कि संसार के दुःख-दर्द तो आते-जाते रहते हैं, परंतु श्याम का नाम और उसका सहारा ही सच्चा संबल है। जब हर दरवाज़ा बंद हो जाता है, तब श्याम की कृपा ही वह प्रकाश बनती है, जो भक्त को नई दिशा देती है। भजन यह भी समझाता है कि श्याम के दर पर सिर झुकाना ही सबसे बड़ा सुख है, और जीवन में कुछ और पाने की लालसा नहीं है — बस श्याम को ही पाना है।
जय प्रकाश वर्मा जी की लेखनी में जो भक्ति का रस है, वह इस रचना को और भी विलक्षण बना देता है। यह भजन न केवल शब्दों का संगम है, बल्कि एक भक्त की आत्मा की पुकार है, जो सीधे बाबा श्याम के चरणों में समर्पित होती है। इसे सुनकर मन भाव-विभोर हो जाता है और हृदय स्वतः ही "खाटू वाले श्याम" की भक्ति में डूब जाता है।
"तेरे बिना कोई नहीं, हारे का सहारा है" — यह केवल एक भजन नहीं, एक भक्त की विनम्र अरदास है अपने प्रिय श्याम के चरणों में।