खत लिखा मैंने दिलदार श्याम को
तर्ज - आजा रे ओ मेरे दिलबर आजा
खत लिखा मैंने दिलदार श्याम को,
खत में उनको प्रणाम लिखा,
ज्यादा कुछ ना लिखा है मैंने हर जगह विराम लिखा,
दुनिया कहती तुमको बाबा मैंने जय श्री श्याम लिखा,
कर लिया ध्यान तेरा मन से बाबा सुबह को मैंने शाम लिखा,
खत लिखा मैंने दिलदार श्याम....
बातें जो मेरे दिल में थी वो सारी ये लिख डाली है,
देख लो श्याम तेरे होते क्यूँ मेरी झोली खाली है,
कर लेना बातों पे यकीन मेरी दिल पे तेरा नाम लिखा,
खत लिखा मैंने दिलदार श्याम....
साथ चलता मेरे बाबा ढाल बनकर है ये तू,
आए जब भी संकट कोई मोर छड़ी आती है यू,
लकी ने कहकर बात सच्ची बातों पर विश्राम लिखा,
खत लिखा मैंने दिलदार श्याम....
Lyrics - lucky Shukla
श्रेणी : खाटू श्याम भजन

"खत लिखा मैंने दिलदार श्याम को" एक बेहद भावनात्मक और आत्मीय भजन है, जो खाटू के श्याम से एक भक्त की अंतरंग बातचीत को बड़े ही सरल, कोमल और सच्चे शब्दों में प्रस्तुत करता है। यह भजन तर्ज – “आजा रे ओ मेरे दिलबर आजा” पर आधारित है, जिसकी मधुर धुन और लय सीधे मन को छू जाती है। इसकी रचना लक्की शुक्ला द्वारा की गई है, जिन्होंने श्याम भक्ति को शब्दों में ढालकर एक सुंदर भक्ति-पत्र की तरह प्रस्तुत किया है।
भजन की शुरुआत होती है उस पल से जब एक भक्त अपने दिलदार श्याम को पत्र लिखता है। यह पत्र कोई औपचारिक पत्र नहीं, बल्कि प्रेम, श्रद्धा और पीड़ा से भरा एक भावनात्मक संवाद है। उसमें कुछ ज्यादा नहीं लिखा, लेकिन “जय श्री श्याम” जैसे नाममंत्र को बार-बार दोहराया गया है। इससे यह समझ आता है कि भक्त के लिए शब्दों से ज़्यादा नाम का जप और श्रद्धा महत्वपूर्ण है।
भजन का अगला अंतरा उस दर्द को दर्शाता है जो हर सच्चे भक्त के मन में होता है — जब प्रभु पास होते हुए भी जीवन में खालीपन महसूस होता है। “देख लो श्याम तेरे होते क्यूँ मेरी झोली खाली है” — यह पंक्ति हृदय को छू जाती है, और बताती है कि भक्त केवल भौतिक नहीं, आत्मिक संतोष चाहता है।
भजन में श्याम को ढाल के रूप में दर्शाया गया है — एक ऐसे रक्षक जो हर संकट में साथ रहते हैं। “आए जब भी संकट कोई मोर छड़ी आती है यू” — यह पंक्ति श्याम की कृपा और उनके संकटमोचक स्वरूप को प्रमाणित करती है।
अंत में लक्की स्वयं कहते हैं कि यह जो बातें लिखीं हैं, वो सत्य हैं, और उन्होंने उन पर विश्राम लिखा — जैसे अब सब प्रभु पर छोड़ दिया गया है। यह आत्मसमर्पण की पराकाष्ठा है।
यह भजन केवल गायन नहीं, यह एक आत्मा की पुकार है, एक प्रेमपत्र है खाटू श्याम के लिए। जो भी इसे गाता या सुनता है, उसका हृदय स्वतः ही श्याम के चरणों में झुक जाता है। भजन की सरलता, भावुकता और मधुरता इसे विशेष बनाती है।