चंदन वाले थोड़ा चंदन दे दो
तर्ज - मुझे शयाम को सजाना है।
चंदन वाले थोड़ा चदन दे दो,
इत्र वाले थोड़ा इत्र दे दो,
मुझे श्याम को लगाना है,
मुझे शयाम को सजाना है।
जो दुनिया सजाते है,
मुझे उनको सजाना है,
मुझे शयाम को सजाना है,
मुरली वाले एक मुरली दे दो,
मुकुट वाले मुकुट दे दो,
मुझे शयाम को सजाना है,
माखन वाले मुझे माखन दे दो,
मिसरी वाले मुझे मिसरी दे दो,
दोमुझे को भोग लगाना हैं,
मुझे शयाम को सजाना है,
Lyri cs - lucky Shukla
श्रेणी : कृष्ण भजन
चंदन वाले थोड़ा चंदन दे दो" एक अत्यंत मधुर और विनम्र भावनाओं से भरा कृष्ण भजन है, जिसकी रचना लक्की शुक्ला द्वारा की गई है। यह भजन "मुझे श्याम को सजाना है" तर्ज पर आधारित है, और इसका हर एक शब्द भक्त के सच्चे प्रेम, भक्ति और समर्पण को दर्शाता है।
इस भजन में एक भक्त की मासूम याचना है — वह संसार से कुछ भी बड़ा नहीं माँगता, बस इतना चाहता है कि उसे अपने श्याम को सजाने का अवसर मिले। "चंदन वाले थोड़ा चंदन दे दो, इत्र वाले थोड़ा इत्र दे दो..." जैसे शब्दों से यह स्पष्ट होता है कि भक्त अपनी भक्ति से प्रभु को सजाना चाहता है, उन्हें अर्पित करना चाहता है वह सब जो प्रेम और श्रद्धा से भरा हो।
भजन का भाव यह है कि जिसने इस सृष्टि को सजाया, अब भक्त उसे सजाना चाहता है — यह बात स्वयं में ही अत्यंत मार्मिक और अद्भुत है। मुरली, मुकुट, माखन, मिसरी — यह सब प्रतीक हैं उस बालकृष्ण की लीलाओं के, जिनसे भक्त जुड़कर उन्हें अपनी सेवा समर्पित करना चाहता है।
हर पंक्ति विनम्र निवेदन की तरह लगती है, और श्रोताओं के हृदय में सेवा-भाव और प्रेमरस भर देती है। यह भजन विशेष रूप से उन भक्तों को आकर्षित करता है जो अपने श्याम से गहरा आत्मिक संबंध रखते हैं और उन्हें सिर्फ आराध्य नहीं, अपना अपना मानते हैं।
🙏 "मुझे श्याम को सजाना है" — यह पंक्ति केवल एक उद्देश्य नहीं, एक भावना है; जो हर भक्त के भीतर छुपी हुई सेवा की तड़प को उजागर करती है। इस सुंदर और भावनात्मक रचना को जरूर सुने और अपने श्याम को भावों से सजाएँ।