रंग चढ़ गया अज तेरा शाम
रंग चढ़ गया अज तेरा शाम,
अज ते कमाल हो गया,
कमाल हो गया, मालो माल हो गया,
रंग चढ़ गया अज तेरा शाम, अज ते कमाल हो गया,
कमाल हो गया जी कमाल हो गया,
रंग चढ़ गया अज ते रा शाम अज ते कमाल हो गया,
शाम वाला रंग किसे किसे नु है चढ़दा,
ओहियो तर जांदा जेह्डा पल्ला ऐदा फड दा,
मैं ते हो गई मालो माल अज ते कमाल हो गया-2,
रंग चढ़ गया अज तेरा शाम अज ते कमाल हो गया,
दुनिया ते शाम मेनू धक्के रेह्न्दी मारदी-2,
तेरे भरोसे मैं तां होंसला नही हार दी-2,
ओ तां हर दम मेरे नाल अज ते कमाल हो गया,
रंग चढ़ गया अज तेरा शाम अज ते कमाल हो गया-2,
कमाल हो गया मालो माल हो गया,
रंग चढ़ गया अज तेरा शाम अज ते कमाल हो गया,
तेरे प्यार वाला शाम मेनू रंग चडेया-2
सारेया ने छडेया ते तूइयो ही हथ फड़ेया-2
मैं तां हो गई अज तेरी शाम अज ते कमाल हो गया-2
रंग चढ़ गया अज तेरा शाम, अज ते कमाल हो गया-2
कमाल हो गया माले माल ही गया,
रंग चढ़ गया अज तेरा शाम अज ते कमाल हो गया,
एहो गल कवां शाम कदे वी ना मोड़ना-2
दिल तेनु दिता शाम कदे वी ना तोड़ना-2
(विटु बन्टी) दिल दिता कदे वी न तोड़ना,
दिल दिता ऐ तेनु शरेआम अज ते कमाल हो गया,
रंग चढ़ गया अज तेरा शाम अज ते कमाल हो गया,
कमाल हो गया मालो माला हो गया,
रंग चढ़ गया अज तेरा शाम.......
श्रेणी : कृष्ण भजन
🙏रंग चढ़ गया अज तेरा शाम🙏 इस सुन्दर मनमोहक भजन को जरूर सुने🌲
"रंग चढ़ गया अज तेरा शाम" एक अत्यंत भावुक, रंगीन और भक्तिरस से सराबोर कृष्ण भजन है, जो भक्त और श्रीकृष्ण के बीच के प्रेम, समर्पण और जुड़ाव को बड़े ही सहज और दिल छू लेने वाले अंदाज़ में प्रस्तुत करता है। यह भजन, शब्दों की सादगी और भावों की गहराई से, श्रोताओं को ऐसा अनुभव कराता है जैसे स्वयं श्याम का प्रेम रंग चढ़ रहा हो।
भजन की पंक्तियाँ जैसे "रंग चढ़ गया अज तेरा शाम, अज ते कमाल हो गया" — केवल गीत नहीं, बल्कि उस अद्भुत क्षण का वर्णन हैं जब कोई भक्त पूर्ण रूप से अपने ठाकुर के रंग में रंग जाता है। यह "रंग" सांसारिक रंग नहीं, बल्कि प्रेम, भक्ति, और अनुभूति का दिव्य रंग है, जो केवल उन्हीं पर चढ़ता है जो श्याम के पल्ले पड़ जाते हैं।
भजन में ये भी बहुत सुंदर भाव आता है कि जब सारी दुनिया ठुकरा देती है, तब श्याम ही एकमात्र सहारा बनते हैं — "सारेया ने छडेया, ते तूइयो ही हथ फड़ेया". यह पंक्ति न केवल भरोसे को दर्शाती है, बल्कि बताती है कि प्रेम और भक्ति में श्याम कैसे हर पीड़ा का समाधान बन जाते हैं।
गीत का अंत भी बहुत भावुक और संकल्प से भरा है — "दिल तेनु दिता शाम, कदे वी न तोड़ना". यह पंक्ति भगवान को समर्पण का खुला ऐलान है — शुद्ध प्रेम का इज़हार, जो दिखावे से नहीं, अंतरात्मा से जुड़ा होता है।
यह भजन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए है, जो प्रेम और भक्ति के माध्यम से श्याम से जुड़ते हैं। इसकी भाव-प्रवणता और मधुरता इसे एक मनमोहक रचना बनाती है।
🙏 "रंग चढ़ गया अज तेरा शाम" — यह सिर्फ भजन नहीं, एक ऐसी स्थिति है जहाँ भक्त की आत्मा श्याम के प्रेम में भीग जाती है। जरूर सुनें, जरूर महसूस करें — क्योंकि जब श्याम रंग चढ़ाते हैं, तब जीवन ही कमाल हो जाता है।