जय बाला जी हनुमान
जय बाला जी हनुमान
तर्ज - चाहे राम बनके चाहे शाम बनके चाहे बाला भगवान, चाहे बन हनुमान । चले आना, प्रभु जी चले आना ।।
चाहे रूप रुद्र का धारे ।
चाहे बनकर पवन दुलारे ।।
थाम अंजना का हाथ, पिता केसरी के साथ।
चले आना, प्रभु जी चले आना ।।
किसी रूप में अंतर्यामी ।
चाहे बन मोहन के स्वामी ।।
ध्वजा हाथ लेकर, गदा साथ लेकर ।
चले आना, प्रभु जी चले आना ।।
चाहे बनकर राम के दासा ।
चाहे बनके 'मधुप हरि' नाथा ।।
चाहे किष्किन्धा छौड़, चाहे अवध से दौड़।
चले आना, प्रभु जी चले आना ।।
श्रेणी : हनुमान भजन
mangalwar bhajan | मंगलवार स्पेशल भजन | tuesday bhajans | hanuman song | mamta
जय बाला जी हनुमान" एक अत्यंत भावपूर्ण और भक्तिपूर्ण भजन है, जो मंगलवार के पावन अवसर पर विशेष रूप से गाया जाता है। इस भजन की तर्ज “चाहे राम बनके, चाहे शाम बनके” की धुन पर आधारित है, जो इसे और भी अधिक भावनात्मक एवं संगीतमय बना देती है। इस भजन में श्री हनुमान जी की बाल रूप से लेकर उनके प्रभु श्रीराम के परम भक्त स्वरूप तक के विविध दिव्य रूपों का अत्यंत सुंदर और सरस वर्णन किया गया है।
भजनकार ने अत्यंत सरल किन्तु प्रभावशाली भाषा में प्रभु से प्रार्थना की है कि चाहे वह किसी भी रूप में हों — रुद्र रूप में, पवनसुत के रूप में, अंजना माता के लाल बनकर, या फिर केसरी नंदन बनकर — प्रभु चले आएं। भजन की हर पंक्ति श्रद्धा से ओतप्रोत है और श्रोता के हृदय में भक्ति का संचार करती है।
इस भजन में भगवान हनुमान के अंतर्यामी स्वरूप, उनके भक्तवत्सल स्वभाव, ध्वजा और गदा सहित वीर रूप, और उनकी रामभक्ति का अत्यंत भावुक चित्रण किया गया है। चाहे वह राम के सेवक बनकर आएं, या फिर किष्किन्धा छोड़कर, अथवा अवध से दौड़कर — हर रूप में उनकी उपस्थिति भक्त के जीवन को आलोकित कर देती है।
इस भजन को ममता जी या Mamta के स्वर में गाया गया है, जो इसे और भी अधिक मधुर एवं संगीतमयी बनाता है। यह भजन न केवल मंगलवार को, बल्कि हर उस दिन सुना जा सकता है जब कोई भक्त श्री हनुमान जी की कृपा और उपस्थिति की कामना करता है।