श्याम श्याम रटती हूं मैं सुन बाबा अरदास
श्याम श्याम रटती हूं मैं, सुन बाबा अरदास ।
एक भरोसा तू मेरा, और ना कुछ, मेरे पास ।।
श्याम सलौना वो खाटू वाला, मेरी बाबा लाज बचाएगा,
आएगा वो आएगा, बिगड़ी बात बनाएगा,
मुझको कैसे रुलाएगा बाबा,
मुझको रोते नहीं देखने वाला, मेरी बाबा लाज बचाएगा,
पल पल वो ही, श्याम संभाले, वो ही चलाए परिवार,
प्यार करे वो, मुझको इतना, वो ही तो पालनहार,
आएगा वो आएगा, बेड़ा पार लगाएगा,
दिल ना मेरा दुखाएगा बाबा,
मुझको रोते नहीं देखने वाला, मेरी बाबा लाज बचाएगा,
श्याम सलौना वो खाटू वाला, मेरी बाबा......
आज कहीं कुछ, देर हुई है, पर अंधेर नहीं,
मेरा भरोसा, मुझको यकीं है, कुछ संदेह नहीं,
लीले चढ़कर आएगा, मोरछड़ी लहराएगा,
आएगा वो आएगा मेरा बाबा,
मुझको रोते नहीं देखने वाला, मेरी बाबा लाज बचाएगा,
श्याम सलौना वो खाटू वाला, मेरी बाबा......
वो बाबा मेरा, हारे का साथी, सबका सहारा है,
बैठा है बाबा, ज्योत जगाए, दास तुम्हारा है,
आएगा वो आएगा, "लहरी" दिल हर्षाएगा,
अमरित रस बरसाएगा मेरा बाबा,
मुझको रोते नहीं देखने वाला, मेरी बाबा लाज बचाएगा,
श्याम सलौना वो खाटू वाला, मेरी बाबा......
श्रेणी : खाटू श्याम भजन
MERI BABA LAAJ BACHAEGA || UMA LAHARI || BAWA GULZAR SAHNI || FALGUN SPECIAL 2025 | FAGUN MELA 2025
यह भजन "श्याम श्याम रटती हूं मैं, सुन बाबा अरदास..." एक अत्यंत भावपूर्ण और आस्था से भरपूर रचना है, जिसे उमा लहरी जी की भावभीनी वाणी और बावा गुलज़ार सहनी की भक्ति भावना के साथ प्रस्तुत किया गया है। यह भजन न केवल शब्दों का मेल है, बल्कि भक्त और भगवान श्याम के बीच विश्वास, समर्पण और अनुराग का जीवंत चित्रण है। इस भजन में भक्त अपने इष्ट देव खाटू श्याम बाबा से संवाद करती है — अपने दुःख, पीड़ा और आशा को सीधे बाबा के चरणों में रखती है। "एक भरोसा तू मेरा, और ना कुछ मेरे पास..." जैसी पंक्तियाँ इस बात को दर्शाती हैं कि जब संसार में कोई सहारा नहीं बचता, तब बाबा श्याम ही अंतिम आशा बनते हैं।
भजन की प्रत्येक पंक्ति इस विश्वास से भरी है कि चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो, बाबा श्याम कभी अपने भक्तों को रोते नहीं देख सकते, वे जरूर आएँगे और बिगड़ी बात को बना देंगे। "श्याम सलौना वो खाटू वाला, मेरी बाबा लाज बचाएगा..." एक बार नहीं, बार-बार इस वाक्य से यही भाव जागता है कि बाबा अपने भक्त की रक्षा करेंगे, उसकी लाज रखेंगे।
इस भजन का संगीत संयोजन और वाणी प्रस्तुति फाल्गुन स्पेशल 2025 और फागुन मेला 2025 के पावन अवसर पर हुआ है, जो इसे और भी अधिक भावनात्मक और भक्तिपूर्ण बना देता है। इसमें लोकभाषा की मिठास, श्याम बाबा के प्रति श्रद्धा, और उमा लहरी की आत्मीयता सब कुछ एक साथ अनुभव होता है। इस रचना को न केवल सुना जाता है, बल्कि इसे हृदय से महसूस किया जाता है।
"मेरी बाबा लाज बचाएगा" केवल एक पंक्ति नहीं, बल्कि हर भक्त की उम्मीद और विश्वास का मंत्र बन चुका है। यह भजन उन सभी के लिए प्रेरणास्रोत है, जो जीवन की कठिन राहों में श्याम बाबा से आशा लगाए बैठे हैं।