चोरी चोरी आए कान्हा माखन चुराए
चोरी चोरी आए कान्हा, माखन चुराए,
यशोदा तेरा लाल तो, बड़ा ही सताए,
रोज फोड़े मटकी, माखन चुराए,
यशोदा तेरा लाल तो, बड़ा ही सताए,
बोल रे कन्हैया काहे, माखन चुराए,
सीधी सादी ग्वालनो को, काहे तू सताए,
काहे फोड़े मटकी, माखन चुराए,
सीधी सादी ग्वालनो को, काहे तू सताए,
झूठी हैं ये सखिया, मेरी भोली मय्या,
खुद ही खिला के माखन, मुझको नचाए,
थोड़ा सा खिलाए माखन, बहुत नचाए,
खुद ही खिला के माखन, मुझको नचाए,
Lyrics - Jay Prakash Verma, Indore
श्रेणी : कृष्ण भजन
चोरी चोरी आए कान्हा । माखन चुराए । कृष्ण जन्माष्टमी भजन 2025 । #krishna #krishnajanmashtami #shyam
कन्हैया की बाल-लीलाओं का कोई जवाब नहीं। वे चोरी-चोरी आते हैं, माखन चुराते हैं और यशोदा मैया को बार-बार सताते हैं। कभी मटकी फोड़ देते हैं तो कभी ग्वालनियों को तंग करते हैं। ग्वालिनें शिकायत करती हैं कि कान्हा उनकी मटकी फोड़कर माखन ले जाते हैं और उनकी सादगी का फायदा उठाते हैं। परन्तु mischievous कान्हा अपनी मय्या से मासूमियत भरी बातें करके सब आरोप टाल देते हैं। वे कहते हैं कि ये सब झूठी सखियाँ हैं, असलियत तो यह है कि मैया स्वयं उन्हें माखन खिलाती हैं और फिर उसी माखन के बहाने नचाती हैं। थोड़ा सा माखन पाकर भी कान्हा अपनी भोली सूरत से सबका मन मोह लेते हैं। यही लीलाएँ जन्माष्टमी पर हमें याद दिलाती हैं कि कृष्ण सिर्फ भगवान ही नहीं, बल्कि एक चंचल, नटखट बालक भी हैं जिनकी माखन-चोरी आज भी भक्तों के हृदय को आनंद और भक्ति से भर देती है।