विश्वास मुझे हैं श्याम तुम एक दिन आओगे
विश्वास मुझे हैं श्याम, तुम एक दिन आओगे,
मेरी डूबती नय्या को, तुम पार लगाओगे,
विश्वास मुझे हैं श्याम, तुम एक दिन आओगे,
मेरी डूबती नय्या को, तुम पार लगाओगे,
दुनिया की माया ने, मुझको हैं घेरा,
अब चारों तरफ मेरे, फैला है अंधेरा,
दुनिया की माया ने, मुझको हैं घेरा,
अब चारों तरफ मेरे, फैला है अंधेरा,
विश्वास मुझे हैं श्याम, तुम अंधकार मिटाओगे,
मेरी डूबती नय्या को, तुम पार लगाओगे,
विश्वास मुझे हैं श्याम, तुम एक दिन आओगे,
मेरी डूबती नय्या को, तुम पार लगाओगे,
जिस काम को करता हूँ, उसमें मिलती हैं हार,
मेरी सारी कोशीशे, हो जाती हैं बेकार,
जिस काम को करता हूँ, उसमें मिलती हैं हार,
मेरी सारी कोशीशे, हो जाती हैं बेकार,
विश्वास मुझे हैं श्याम, तुम जीत दिलाओगे,
मेरी डूबती नय्या को, तुम पार लगाओगे,
विश्वास मुझे हैं श्याम, तुम एक दिन आओगे,
मेरी डूबती नय्या को, तुम पार लगाओगे,
जितने भी कर्म मेरे, सब तुझको अर्पण हैं,
जितना हैं बचा जीवन, तुझको समर्पण हैं,
जितने भी कर्म मेरे, सब तुझको अर्पण हैं,
जितना हैं बचा जीवन, तुझको समर्पण हैं,
विश्वास मुझे हैं श्याम, तुम लेने आओगे,
मेरी डूबती नय्या को, तुम पार लगाओगे,
विश्वास मुझे हैं श्याम, तुम एक दिन आओगे,
मेरी डूबती नय्या को, तुम पार लगाओगे,
हर दिन हर एक पल, तेरी भक्ति करता हूँ,
तेरे भजनों में मैं तो, बस खोया रहता हूँ,
हर दिन हर एक पल, तेरी भक्ति करता हूँ,
तेरे भजनों में मैं तो, बस खोया रहता हूँ,
विश्वास मुझे हैं श्याम, तुम जल्दी आओगे,
मेरी डूबती नय्या को, तुम पार लगाओगे,
विश्वास मुझे हैं श्याम, तुम एक दिन आओगे,
मेरी डूबती नय्या को, तुम पार लगाओगे,
Lyrics - Jay Prakash Verma, Indore
श्रेणी : खाटू श्याम भजन
विश्वास मुझे हैं श्याम । तुम एक दिन आओगे ।। खाटू श्याम भजन 2025 ।। #shyam #krishna #khatushyam
भजन "विश्वास मुझे है श्याम, तुम एक दिन आओगे" एक भक्त के अटूट श्रद्धा और विश्वास का गहरा चित्रण है, जो खाटू श्याम जी से अपने जीवन की नैया को पार लगाने की प्रार्थना करता है। यह भजन हमें बताता है कि जब संसार की माया हमें चारों ओर से घेर लेती है, और जब जीवन में निरंतर असफलताएँ मिलने लगती हैं, तब भी एक सच्चा भक्त अपने आराध्य पर से विश्वास नहीं खोता।
जय प्रकाश वर्मा जी द्वारा लिखे गए इस भावपूर्ण भजन में एक भक्त की हताशा भी है और साथ ही परम आशा भी — कि श्याम एक दिन ज़रूर आएंगे। जीवन की हर विफलता, हर हार, हर अंधेरे को वह प्रभु को अर्पण करता है और कहता है कि उसका शेष जीवन भी श्याम को समर्पित है।
इस भजन के माध्यम से यह भी स्पष्ट होता है कि भक्ति केवल मंदिरों और अनुष्ठानों तक सीमित नहीं, बल्कि यह एक निरंतर भाव है जो जीवन के हर क्षण को प्रभु के चरणों में समर्पित कर देता है।
श्याम भक्त इस भजन में अपने हृदय की पुकार के साथ कहते हैं — "हर दिन, हर एक पल, तेरी भक्ति करता हूँ, तेरे भजनों में मैं तो बस खोया रहता हूँ" — यही भाव इसे एक अत्यंत आत्मीय और प्रभावशाली भजन बनाते हैं, जो हर भक्त के दिल को छू जाता है।
यह भजन न केवल सच्ची भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह सिखाता है कि कठिनाइयों के बीच भी यदि विश्वास अडिग हो, तो प्रभु अवश्य प्रकट होते हैं।