चलो रे चले सब वृन्दावन, वृन्दावन में करेंगे भजन
तर्ज - धीरे धीरे बोल कोई सुन ना ले
चलो रे चले सब वृन्दावन, वृन्दावन में करेंगे भजन -२
वहाँ राधे राधे गाएँगे और श्याम के दर्शन पाएँगे !
कुँज गली में बैठे हैं घनश्याम, हाथ जोड़कर कर लो उनको प्रणाम -२
चलो बंशीवट, चलो यमुनातट - २
वहाँ राधे राधे गाएँगे और श्याम के दर्शन पाएँगे !
चलो रे चले सब वृन्दावन, वृन्दावन में करेंगे भजन -२
चलो वहाँ से गोवर्धन की ओर, कर लो परिक्रमा उसके चारो ओर - २
चलो राधाकुण्ड, चलो श्यामकुण्ड - २
वहाँ राधे राधे गाएँगे और मानसी गंगा नहाएँगे !
चलो रे चले सब वृन्दावन, वृन्दावन में करेंगे भजन -२
चलो वहाँ से बरसाना धाम, राधाजी के चरणों में कर लो प्रणाम -२
चलो नंदगांव, कान्हा के गांव - २
वहाँ राधे राधे गाएँगे और श्याम के हम को जाएँगे !
चलो रे चले सब वृन्दावन, वृन्दावन में करेंगे भजन -२
Lyrics - Jay Prakash Verma, Indore
श्रेणी : कृष्ण भजन
भजन “चलो रे चले सब वृन्दावन, वृन्दावन में करेंगे भजन” एक अत्यंत हर्षोल्लास से भरा और भक्ति की मधुर भावना से ओत-प्रोत कृष्ण भजन है, जिसे जय प्रकाश वर्मा (इंदौर) जी ने लिखा है। इस भजन में कवि ने भक्तों को वृन्दावन की ओर चलने का निमंत्रण दिया है — उस पावन भूमि की ओर जहाँ श्रीकृष्ण का प्रत्येक कण, प्रत्येक वृक्ष, और प्रत्येक गली राधा-श्याम की महिमा से गुंजायमान है।
भजन की शुरुआत ही ऐसी होती है जो हर श्रोता के मन में भक्ति और आनंद की लहर जगा देती है — “चलो रे चले सब वृन्दावन, वृन्दावन में करेंगे भजन।” इसमें भक्तों की वह उत्कंठा झलकती है जो अपने आराध्य के धाम में जाकर राधे-श्याम के नाम का संकीर्तन करना चाहते हैं।
कवि ने वृन्दावन की सुंदरता और पवित्र स्थलों का मनमोहक वर्णन किया है — कुँज गली, बंशीवट, यमुना तट, गोवर्धन पर्वत, राधाकुण्ड, श्यामकुण्ड, बरसाना धाम और नंदगांव जैसे तीर्थ स्थानों के माध्यम से उन्होंने भक्ति यात्रा को जीवंत कर दिया है। हर पद में “राधे राधे” गाने और “श्याम के दर्शन” पाने का भाव, भजन को और भी अधिक भक्तिमय बना देता है।
यह भजन न केवल एक गीत है बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा का अनुभव है — जहाँ हर कदम पर प्रेम, आस्था और भक्ति का संगम मिलता है। “चलो रे चले सब वृन्दावन” सुनते ही ऐसा लगता है मानो स्वयं श्रीकृष्ण अपने भक्तों को अपने धाम आने का निमंत्रण दे रहे हों।