तू राधा तो बोल - तू राधा तो बोल
तर्ज - तू वादा ना तोड़
तू राधा तो बोल, तू राधा तो बोल, - २
तेरी ढ़लने लगी हैं अब उमर .....
तू राधा तो बोल, तू राधा तो बोल,
बचपन बिता तेरी बीती जवानी,
बात ये मेरी तूने अब तक न मानी,
अब तो कर ले जरा तू सुमिरन .....
तू राधा तो बोल, तू राधा तो बोल,
कब तक देगा तू खुद को धोका,
फिर न मिलेगा तुझको ऐसा मौका,
इस मोके की कर ले तू कदर .......
तू राधा तो बोल, तू राधा तो बोल,
एक बार जप ले बस नाम तू राधा,
हट जाएगी सारे जीवन की बाधा,
फिर तो आसान होगा ये सफर .....
तू राधा तो बोल, तू राधा तो बोल,
Lyri cs - Jay Prakash Verma, Indore
श्रेणी : कृष्णा भजन
भजन “तू राधा तो बोल” एक अत्यंत प्रेरणादायक और आत्मा को झकझोर देने वाला खाटू श्याम भजन है, जिसे Jay Prakash Verma (Indore) जी ने लिखा है। यह भजन प्रसिद्ध तर्ज “तू वादा ना तोड़” पर आधारित है, और इसमें भक्ति, आत्मबोध तथा जीवन के सच्चे अर्थ की गहराई को बड़े सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
भजन की शुरुआत होती है एक भावपूर्ण पुकार से — “तू राधा तो बोल, तेरी ढलने लगी है अब उमर।” यह पंक्ति केवल एक स्त्री को नहीं, बल्कि हर आत्मा को संबोधित करती है जो जीवन में ईश्वर की ओर लौटने की पुकार सुनने से चूक जाती है। यह श्याम भक्ति की ओर जागरण का संदेश देती है कि अब समय है प्रभु स्मरण करने का, क्योंकि समय बीतता जा रहा है।
दूसरे अंतरे में कवि कहते हैं — “बचपन बिता, तेरी बीती जवानी, बात ये मेरी तूने अब तक न मानी।” यह जीवन की उस सच्चाई को दर्शाता है जहाँ इंसान मोह और माया में खोकर प्रभु को भूल जाता है। लेकिन कवि बड़े प्रेम से स्मरण कराता है कि अब भी देर नहीं हुई है — बस थोड़ा सुमिरन कर लो, नाम ले लो, क्योंकि यही जीवन का सच्चा सहारा है।
भजन आगे यह सिखाता है कि “कब तक देगा तू खुद को धोखा, फिर न मिलेगा तुझको ऐसा मौका।” इन शब्दों में चेतावनी भी है और प्रेम भी। यह भक्त और भगवान के बीच की आत्मीय पुकार है, जो कहती है — जीवन का यह अवसर फिर नहीं मिलेगा, प्रभु का नाम जपना ही असली साधना है।
अंतिम अंतरे में भजन अपनी चरम भावना पर पहुँचता है — “एक बार जप ले बस नाम तू राधा, हट जाएगी सारे जीवन की बाधा।” यह पंक्ति हमें याद दिलाती है कि श्याम का नाम जपना केवल पूजा नहीं, बल्कि मुक्ति का मार्ग है। जब राधा श्याम के नाम में लीन हुई, तब उसके जीवन का हर दुःख मिट गया — यही सन्देश यह भजन हर भक्त तक पहुँचाता है।
यह भजन भक्ति, चेतना और प्रेम का अद्भुत संगम है। Jay Prakash Verma जी की रचना श्रोताओं को जीवन के अर्थ पर सोचने के लिए प्रेरित करती है — कि अब भी समय है, “तू राधा तो बोल।”
Harshit Sir,
ReplyDeleteRadhe - Radhe !!
Radhe radhe ji 🥰🥰🥰🥰❤💖💖
ReplyDelete