ज्योत पै मां खेल के नैं आणा पड़ेगा,
मां काली रोग काट कै दिखाणा पड़ेगा,
बड़े बड़े असुर संघारण वाली,
ढंग वो आज री बणाणा पड़ेगा,
ज्योत पै मां खेल के नैं आणा पड़ेगा,
मां काली रोग काट कै दिखाणा पड़ेगा,
सब तक सिर के केश खिंडे ना,
पेशी उपर संकट ल्याणा पड़ेगा,
ज्योत पै मां खेल के नैं आणा पड़ेगा,
मां काली रोग काट कै दिखाणा पड़ेगा,
लाल लाल जिभ्या तेरी देई ना दिखाई,
सारा भेद खोल के सुणाना पड़ेगा,
ज्योत पै मां खेल के नैं आणा पड़ेगा,
मां काली रोग काट कै दिखाणा पड़ेगा,
सब देवां मैं तूं शक्ति सै न्यारी,
इस संगत का भय भी भगाणा पड़ेगा,
ज्योत पै मां खेल के नैं आणा पड़ेगा,
मां काली रोग काट कै दिखाणा पड़ेगा,
गल मैं पड़ी सै तेरे मुंडों की माला,
कित तेरा भोग दिवाणा पड़ेगा,
ज्योत पै मां खेल के नैं आणा पड़ेगा,
मां काली रोग काट कै दिखाणा पड़ेगा,
जीवत भेंट मंगाईए मतना,
पान पेड़े मैं ही काम चलाणा पड़ेगा,
ज्योत पै मां खेल के नैं आणा पड़ेगा,
मां काली रोग काट कै दिखाणा पड़ेगा,
अशोक भगत पै तूं होरी सै राजी,
उसके हाथ तै भला कराणा पड़ेगा,
ज्योत पै मां खेल के नैं आणा पड़ेगा,
मां काली रोग काट कै दिखाणा पड़ेगा,
श्रेणी : दुर्गा भजन
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